Thursday, January 26, 2012

एक अगीत....गणतन्त् र दिवस पर...
वे राष्ट्र गान गाकर
जनता को देश पर
मर मिटने की, कसम दिलाकर ;
बैठ गये लक्ज़री कार में जाकर ।
टोपी पकडाई पी ए को,
अगले वर्ष के लिये रखे धुलाकर ॥

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