Wednesday, February 1, 2012

भरे घर में तेरी आहट .... कहीं मिलती नहीं अम्मा,
तेरे हाथों की नरमाहट .....कहीं मिलती नहीं अम्मा,
मैं तन पे लादे फिरता हूँ......दुशाले रेशमी फिर भी,
तेरी गोदी-सी गरमाहट... कहीं मिलती नहीं अम्मा !

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