Friday, March 16, 2012

बजट का इतिहास भारत मे !




 1:देश में पहली बार बजट 7 अप्रैल, 1860 को अंग्रेजी सरकार के जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था।
 2:स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को शाम 5 बजे प्रथम वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
 3:आजादी के बाद पहले बजट (15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948) में कुल साढ़े सात महीनों का विवरण शामिल किया गया था।
 4:भारतीय गणतंत्र का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को “जान मथाई“ने पेश किया था और इसी दौरान योजना आयोग भी अपने अस्तित्व में आया।
 अब तक सर्वाधिक 10 बार बजट पेश करने का रिकाॅर्ड मोरार जी देसाई के नाम है।
 5:राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि के दिन संसद में बजट पेश किया जाता है। वित्त मंत्री बजट भाषण दो हिस्सों में बंटा होता है। पहले भाग में आर्थिक सर्वे और दूसरे भाग में कर प्रस्ताव के बिंन्दु शामिल रहते हं।
 6:यशवंत सिंहा और मनमोहन सिंह ऐसे दो वित्त मंत्री हैं जिन्हें लगातार पांच बार बजट पेश करने का मौका मिला।

Thursday, March 15, 2012

Voter’s cards of 16 Pakistani Hindus to be cancelled in Haryana


Voter’s cards of 16 Pakistani Hindus to be cancelled in Haryana
 16 Pakistani Hindu residents managed to get ration cards and their names included in the electoral rolls at Ratia in Fatehabad. These Pakistani Hindus had come to India in the last decade, overstayed their visas and started living in Ratangarh and Jallopur of Ratia after initially settling in Rohtak.

 **Superb job done by our Authorities but will our UPA Govt will do same for crores of illegal Bangladeshis who ve managed to make Voter ID's and Ration Cards.**

2030 तक ब्रिटेन में ईसाई अल्पसंख्यक हो जाएंगे


ब्रिटिश सांसदों के एक समूह द्वारा किए गये अध्ययन के अनुसार सम्भवतः सन 2030 तक ब्रिटेन में ईसाई अल्पसंख्यक हो जाएंगे। अध्ययन में प्राप्त आँकड़ों के अनुसार पिछले 7 साल में ईसाईयों की संख्या में 7% की कमी आई है, जबकि "नास्तिकों" (किसी धर्म को न मानने वालों) की संख्या में 49% की बढ़ोतरी हुई है…। ब्रिटिश सांसदों ने तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी पर भी चिंता व्यक्त की है…।
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 मजे की बात यह है कि भारत में मिजोरम, नागालैण्ड, मणिपुर और केरल में ईसाईयों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है… अब इसे क्या कहा जाए?

VICKS नाम की दवा अमेरिका में बनाना और बेचना दोनों जुर्म है,






श्री राजीव भाई बताते है के VICKS
 नाम की दावा अमेरिका में
 बनाना और बेचना दोनों जुर्म है,


 अगर किसी डॉक्टर ने
 किसी को VICKS की prescription 
 लिख दे तो उस डॉक्टर को 14 साल की जेल हो जाती है,


 उसकी डिग्री छीन ली जाती है |
 किउंकि विच्क्स जहर है, 
 एबंग ये
 आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल 
 अस्थमा कर सकता है | इसीलिए
 दुनिया भर में WHO और वैगानिको ने इसे जहर घोषित 
 किया | और ये जहर भारत में सबसे
 जादा बिकता है 
 बिग्यापनो की मदत से | लेकिन 
 कानून के हिसाब से
 किसी दावा विज्ञापन टीवी पे नही दिया जा सकता लेकिन पैसे के
 ताकत से, घुश्खोरी से ये सब होता है
 | राजीव भाई आगे बताते है
 की विच्क्स बहुत
 जादा महंगी मिलती है उदहारण के
 तौर पे 25 ग्राम 40 रुपिया की 
 50 ग्राम 80 रुपिया की 
 100 ग्राम 160 रुपिया की
 मतलब 1
 किलो विच्क्स की कीमत 1600
 रुपिया है |
 विच्क्स पेट्रोलियम
 जेल्ली से बनता है जिसकी कीमत
 60 -70 रुपिया किलो है और 
 विच्क्स की बिक्री में प्रोक्टर एंड गम्ब्ले कंपनी को 20000 % से
 जादा का मुनाफा है | ये मुनाफा आप
 की जेब से लूटा जा रहा है और सरकार
 इस घोटाले में सामिल है | सरकार ने
 लाइसेन्स दे रखी है, आँखे बंद कर
 रखी है और कंपनी देश को लूट राहा है |


http://www.youtube.com/watch?v=jM4zjT1b6Ic&sns=fb

दिल को खतरे में डाल रहे हैं ब्रांडेड मंजन और टूथपेस्ट !

दैनिक जागरण :- पवन कुमार मिश्र, पटना हम दिन की शुरुआत मंजन या टूथपेस्ट से दांत साफ करने के साथ करते हैं। लेकिन हम नहीं जानते कि बाजार में उपलब्ध एक से बढ़कर एक कीटाणुनाशक टूथपेस्ट और दंत मंजन के इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ता है। एक शोध में कई ब्रांडेड टूथपेस्ट व मंजन में निकोटिन व फ्लोराइड की मात्रा खतरनाक स्तर तक पाई गई है, जो दिल के लिए खतरनाक है। यह रहस्योद्घाटन हुआ है दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (दिप्सार-यू) के शोध में। शोध के अनुसार दांतों को मोती जैसा चमकाने का दावा करने वाले दंत मंजनों व टूथपेस्ट में निकोटिन की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इस्तेमाल करने वाले इसके आदी बन सकते हैं। दिप्सार यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोजेक्ट निदेशक प्रो. एसएस अग्रवाल ने एक पत्रिका को बताया कि संस्थान ने बाजार में उपलब्ध 24 नामचीन मंजनों व टूथपेस्टों की जांच की। इसमें से 13 में निकोटिन की मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई गई। हैरत तो यह कि इनमें निकोटिन संबंधी चेतावनी भी नहीं दी गई है। जो निकोटिन जैसी प्रतिबंधित रसायन वाले पदार्थ की बिक्री के लिए आवश्यक सरकारी गाइड लाइन का उल्लंघन है। जिन मंजन या टूथपेस्ट में निकोटिन पाया गया, उनमें अधिकांश मशहूर कंपनियों के उत्पाद हैं। दिप्सार के शोध से यह भी पता चला है कि कई टूथपेस्टों में फ्लोराइड की मात्रा भी मानक से ज्यादा है। जो मुंह के जरिए खून में मिलकर पूरे शरीर की क्रियाओं को प्रभावित कर देता है। ज्यादा फ्लोराइड बच्चों को मंदबुद्धि भी बना सकता है। द ओरो डेंटल के डॉ. कौशल व ज्योति ने एक मरीज द्वारा सेंसटिव दांतों के लिए पेस्ट बनाने वाली कंपनी से पूछे गए सवाल के आधार पर एक और रोचक जानकारी दी। दिल को खतरे में डाल रहे मंजन ! बाजार में बिक रहे अधिकांश मंजनों में निकोटिन की खतरनाक मात्रा सावधान : 

Wednesday, March 14, 2012

SARVA SHIKSHA ABHIYAN SOCIETY, U.T., CHANDIGARH 3RD FLOOR, ADDITIONAL DELUXE BUILDING, SECTOR‐9, CHANDIGARH, Phone No. 0172‐5067076


Sarva Shiksha Abhiyan Society, Chandigarh U.T., invites online applications from eligible
candidates to fill up 653 posts of JBT teachers on contract basis up to 31.3.2013 at fixed
remuneration of Rs. 16600/‐P.M (as revised from time to time by Sarva Shiksha Abhiyan Society, UT,
Chandigarh) as per following details :‐
Sr.
No
Name of post Total
posts
General
OBC
SC
PH
Ex servicemen category
Gen OBC SC PH
1. JBT 653 323 166 83 16 36 18 9 2
QUALIFICATION FOR THE POSTS OF JBT TEACHERS (A+B)
A (i) Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks from a recognized Board /
University and 2‐years Diploma in Elementary Education (by whatever name known).
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 45% marks in accordance with the NCTE
(Recognition Norms and Procedure) Regulations 2002 and2‐years Diploma in Elementary
Education (by whatever name known).
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks from a recognized Board /
University and 2‐years Diploma in Education (Special Education).
OR
Senior Secondary (or its equivalent) with at least 50% marks from a recognized Board /
University and 4‐years Bachelor of Elementary Education (B.El.Ed.)
OR
Graduation and 2‐years Diploma in Elementary Education (by whatever name known).
B Pass in Teacher Eligibility Test (TET) conducted by the CBSE New Delhi/State Government
of Haryana/Punjab in accordance with the Guidelines framed by the NCTE.
C Must have passed Punjabi and Hindi at elementary level or will have to pass the same
within 2 years from the date of appointment or before clearance of probation period (not
applicable for the post to be filled up on contractual basis).
AGE
The age limit for the posts of JBT is 21‐35 years. Age is to be calculated in
reference to closing date for submission of application.

http://www.ssachd.nic.in/advtjbt.pdf