Saturday, March 24, 2012

ये दौड़ गधों की है,


दौड़ ...
 ये दौड़ गधों की है, या घोड़ों की
 किसे क्या फर्क पड़ता है
 पर हाँ, यदि तुम्हें जीतना है, तो ...
 तुम्हें दौड़ना ही होगा
 नहीं तो
 चुपचाप तालियाँ बजाते रहो--
 तुम्हारा यह कहना
 --------------- -----तर्कसंगत, तर्कपूर्ण नहीं है-------------
 कि -
 दौड़ ...
 --------------- ---------घोड़ों की है और गधे जीत रहे हैं

Thursday, March 22, 2012

आधे घंटे की स्पेशल रेकॉर्डिंग explaining वाज्ज़ब - एक अदभूत अवसर

वाज्ज़ब - एक अदभूत अवसर 
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मुफ्त में कोई इन्वेस्टमेंट किये बगैर लाखो रुपए हर महीने जिंदगी भर रोयल्टी के तौर पर कैसे कमायें ?

* MLM और वाज्जुब में फर्क ?
* वाज्जुब के होम पेज में ऐसा क्या होगा कि जो एक बार वजाब का होम पेज यूज़ कर लेगा वो हमेशा यही पेज यूज़ करना चाहेगा ?
* इन्टरनेट की दुनिया में कितना पैसा involve होता है ? इन्टरनेट का इकोनोमिक्स क्या है ?
* वाज्ज़ब का अवसर - तलाश आपके भविष्य के गूगल/फेसबुक की
* वजाब से पैसा बनाने के लिए क्या करना होगा ?
* वजाब की technical बातें और इसका potential क्या है ?
* क्या वजाब मुफ्त में पैसा अपने founder मेम्बेर्स को देगी ? अगर वजाब की नीयत बदल गयी तो क्या होगा?
* वजाब में पैसा किस तरीके से मेम्बेर्स को मिलेगा ?
* unique users का criteria क्या है ? किस कारण से आपका अकाउंट ब्लाक किया जा सकता है ?

ऊपर दिए गए सभी सवालों का जवाब जानने के लिए सुनिए आधे घंटे की स्पेशल रेकॉर्डिंग जो मेरे senior सर Mr . Vinary Aggarwal ने तैयार की है इसको आप अपने मोबाइल में ट्रान्सफर करके भी सुन सकते है| ये रेकॉर्डिंग आप डाउनलोड कर सकते है यहाँ से http://www.sendspace.com/file/47nxcr
 

UPA सरकार ने एक नया कीर्तिमान बनाया है घोटाले का..

बधाई हो कांग्रेस सरकार को, उन्होंने एक नया कीर्तिमान बनाया है घोटाले का, 2जी में जो हिंदुस्तानियों का रूपया लूटा था उससे कहीं जादा इस बार कांड किया है नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने एक और घोटाले से पर्दा उठाया है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयला खदानों में हुए बंदरबांट से सरकारी खजाने को 10.7 लाख करोड़ रुपये का चूना लगा है। यह रकम 2जी घोटाले की रकम 1.76 लाख करोड़ से 6 गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2004 से 2009 के दौरान कंपनियों को 155 कोयला ब्लॉकों का आवंटन बिना नीलामी के ही कर दिया गया। इससे कंपनियों को कई लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। कोयला खदानों के आवंटन से जिन कमर्शल इकाइयों को फायदा पहुंचा उनमें पावर, स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री की करीब 100 प्राइवेट कंपनियां हैं और बाकी सरकारी कंपनियां। कैग का कहना है कि नुकसान का आकलन करते वक्त सबसे घटिया श्रेणी के कोयले की कीमत को आधार बनाया है। मध्यम श्रेणी के कोयले की कीमत के आधार पर यह आकलन किया जाता, तो नुकसान कहीं ज्यादा बैठता।

Monday, March 19, 2012

भारतीय छात्र को Intel की ओर से एक लाख डॉलर का पुरस्कार मिला है…।


अमेरिका में Intel कम्पनी की एक साइंस प्रतियोगिता में "किशोर वैज्ञानिक" हेतु भारतीय मूल के 17 वर्षीय किशोर नितिन रेड्डी तुम्मा ने पुरस्कार जीता और उन्हें Intel की ओर एक लाख डॉलर मिला है…।

 17 साल के नितिन तुम्मा द्वारा कैंसर कोशिकाओं पर खोज का एक नायाब आइडिया दिया गया है। Intel कम्पनी ने नितिन की आगे की खोज एवं पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का फ़ैसला किया है। अमेरिका के प्रसिद्ध कैंसर वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यदि नितिन इसी तरह अपनी प्रतिभा दर्शाते रहे तो उन्हें एक दिन नोबल पुरस्कार भी मिल सकता है।

 यही नहीं… पिछले वर्ष भी 16 वर्षीय श्रीचन्द्र बोस और नाओमी शाह ने भी दवा निर्माण के क्षेत्र में भारतीय प्रतिभा प्रदर्शित करके Intel की ओर से भारी-भरकम पुरस्कार जीते थे…

 नितिन तुम्मा को बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं…
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 लगता है भारतीय प्रतिभाएं, देश के बाहर जाकर अधिक नाम कमाती हैं। यहाँ तो लालफ़ीताशाही, आरक्षण, भाई-भतीजावाद और नेतागिरी उनका गला घोंट देती है…।

 हम लोग भी ऐसे प्रतिभाशाली और बुद्धिमानों को कोई सम्मान मिलने पर "हें हें हें हें हें हें हें हें हें… ये तो भारतीय मूल के ही हैं…" कहकर खामख्वाह खुश हो लेते हैं…

Sunday, March 18, 2012

हिन्दी की विशेषताएँ एवं शक्ति....


हिन्दी की विशेषताएँ एवं शक्ति....

 संसार की उन्नत भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है
 वह सबसे अधिक सरल भाषा है
 वह सबसे अधिक लचीली भाषा है
 वह एक मात्र ऐसी भाषा है जिसके अधिकतर नियम अपवाद विहीन हैं तथा
 वह सच्चे अर्थों में विश्व भाषा बनने की पूर्ण अधिकारी है
 हिन्दी लिखने के लिये प्रयुक्त देवनागरी लिपि अत्यन्त वैज्ञानिक है।
 हिन्दी को संस्कृत शब्दसंपदा एवं नवीन शब्दरचनासामर्थ्य विरासत में मिली है।
 वह देशी भाषाओं एवं अपनी बोलियों आदि से शब्द लेने में संकोच नहीं करती।
 अंग्रेजी के मूल शब्द लगभग १०,००० हैं, जबकि हिन्दी के मूल शब्दों की संख्या ढाई लाख से भी अधिक है।
 हिन्दी बोलने एवं समझने वाली जनता पचास करोड़ से भी अधिक है।
 हिन्दी का साहित्य सभी दृष्टियों से समृद्ध है।
 हिन्दी आम जनता से जुड़ी भाषा है तथा आम जनता हिन्दी से जुड़ी हुई है।
 हिंदी की देवनागरी लिपि ध्वन्यात्मक लिपि है,प्रत्येक ध्वनी के लिए अलग अलग वर्ण है तथा स्वरों के उच्चारण के लिए वर्ण तथा मात्राएँ हैं ,
 हमारे लिपि की सबसे बड़ी विशेषता ये है की हम जो लिखते हैं वही पढ़ते हैं .
 हिंदी भाषा की लिपि में एक ध्वनी के लिए एक ही चिन्ह का प्रयोग किया जाता है,यह गुण किसी और लिपि में नहीं पाया जाता है ,
 देवनागरी लिपि विश्व की सर्वौत्कृष्ट वैज्ञानिक लिपि है यह विश्व के लगभग सभी भाषा वैज्ञानिक मानते हैं ,
 सुन्दरता इसका सबसे बड़ा गुण हैं,ऊपर की शिरो रेखा ने चार चाँद लगा दिए हैं .
 देवनागरी लिपि की ६२ वर्णों से हम दुनिया की किसी भाषा के ध्वनियों को सरलता से लिख सकते हैं जबकि अंग्रेजी में ऐसा संभव नहीं है.
 भारत के स्वतंत्रता-संग्राम की वाहिका और वर्तमान में देशप्रेम का अमूर्त-वाहन भारत की सम्पर्क भाषा भारत की राजभाषा.

सॉफ्ट ड्रिंक पीने वालों में हार्ट अटैक का खतरा 20 पर्सेंट तक बढ़ जाता है।


नई दिल्ली।। अगर आपको भी रोजाना ठंडी-
 ठंडी सॉफ्ट ड्रिंक गटकने की आदत है, तो आपके
 लिए वॉर्निंग है। एक नई स्टडी में
 दावा किया गया है कि रोज एक कैन
 यानी 350 मिलीलीटर सॉफ्ट ड्रिंक पीने
 वालों में हार्ट अटैक का खतरा 20 पर्सेंट तक
 बढ़ जाता है। ये ड्रिंक्स ज्यादा लेने से
 डायबीटीज और मोटापा बढ़ने
 की भी आशंका रहती है। हालांकि हफ्ते में
 दो सॉफ्ट ड्रिंक पीने वालों के दिल को खतरे के
 लक्षण नहीं दिखे हैं।
 ब्रिटेन में बॉस्टन स्थित हॉर्वर्ड स्कूल ऑफ
 पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों ने 1986 से
 2008 के बीच 22 साल तक 40 हजार
 पुरुषों पर सर्वे के बाद यह नतीजा निकाला।
 सर्कुलेशन मैगजीन में छपी स्टडी में
 बताया गया है कि रोजाना सॉफ्ट ड्रिंक्स
 या दूसरी मीठी कोल्ड ड्रिंक्स लेने वालों के
 शरीर में खतरनाक फैट और प्रोटींस काफी बढ़
 जाते हैं और अच्छे कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा घट
 जाती है।
 यह दिल के लिए अच्छा नहीं होता। अहम बात
 यह है कि एक्सरसाइज जैसे फैक्टर्स से भी इसमें
 फर्क नहीं पड़ता। स्टडी करने वाले
 वैज्ञानिकों के लीडर डॉ. फ्रैंक हू कहते हैं
 कि सॉफ्ट ड्रिंक्स के बजाय पानी, चाय और
 कॉफी लेना बेहतर होता है।
 ब्रिटेन में सॉफ्ट ड्रिंक्स असोसिएशन ने इस
 स्टडी को खारिज किया है। बता दें कि एक
 सप्ताह पहले ही अमेरिका में कोका कोला और
 पेप्सी को कोल्ड ड्रिंक्स का कंटेंट
 बदलना पड़ा है, ताकि उन्हें बोतलों पर कैंसर
 की वॉर्निंग न छापनी पड़े।
 वजन बढ़ाती हैं सॉफ्ट ड्रिंक्स
 भारत में एक्सपर्ट डॉक्टर इस स्टडी से
 पूरी तरह सहमत नहीं हैं लेकिन ज्यादा कोल्ड
 ड्रिंक से सेहत को खतरे की बात मानते हैं।
 दिल्ली के प्राइमस हॉस्पिटल में सर्जन डॉ.
 अतुल पीटर्स कहते हैं कि ज्यादा मात्रा में
 ऐसी ड्रिंक्स लेने का मतलब है
 ज्यादा कैलोरी लेना, जिससे मोटापा बढ़
 सकता है जो तमाम बीमारियों की जड़
 होता है। 50 मिलीलीटर मीठी सॉफ्ट
 ड्रिंक्स से 50 एक्स्ट्रा कैलोरी शरीर में
 पहुंचती है। रोजाना 300 एमएल ड्रिंक
 का मतलब 150 कैलरी ज्यादा। इससे एक साल
 में 8-9 किलो वजन बढ़ सकता है। न्यूट्रिशन
 एक्सपर्ट डॉ. इशी खोसला भी ज्यादा सॉफ्ट
 ड्रिंक पीने को खतरनाक बताती हैं।