Wednesday, August 8, 2012

कोलगेट का सच :


पूरी पोस्ट नहीं पढ़ सकते तो यहाँ click करे !!
http://youtu.be/oga46f4op8U

हमलोग ब्रश करते हैं तो पेस्ट का इस्तेमाल करते हैं, कोलगेट, पेप्सोडेंट, क्लोज-अप, सिबाका, फोरहंस आदि का, क्योंकि वो साँस की बदबू दूर करता है, दांतों की सडन को दूर करता है, ऐसा कहा जाता है प्रचारों में | आप सोचिये कि जब कोलगेट नहीं था, तब सब के दांत सड़ जाते थे क्या ? और सब के सांस से बदबू आती थी क्या ? अभी कुछ सालों से टेलीव
िजन ने कहना शुरू कर दिया कि भाई कोलगेट रगडो तो हमने कोलगेट चालू कर दिया | अब जो नीम का दातुन करते हैं तो उनको तथाकथित पढ़े-लिखे लोग बेवकूफ मानते हैं और खुद कोलगेट इस्तेमाल करते हैं तो अपने को बुद्धिमान मानते हैं, जब कि है उल्टा | जो नीम का दातुन करते हैं वो सबसे बुद्धिमान हैं और जो कोलगेट का प्रयोग करते हैं वो सबसे बड़े मुर्ख हैं |

Monday, August 6, 2012

मैरीकाम तुम अपने बोक्सिंग गलब्स गीतिका और फिजा को आज भेंट कर दो !

दीदी डॉ. सरोज गुप्ता द्वारा लिखी गयी एक और बेहद खूबसूरत कविता....

मैरीकाम तुम अपने
बोक्सिंग गलब्स
गीतिका और फिजा को
आज भेंट कर दो !

क्या कहा -
वो अब नप गईं !
सत्ता के गलियारों में खप्प गयी !
अभी तो लाखो गीतिकाएं
उड़ान भरने को तैयार है !
अभी तो फिजा में रंगीनी भरनी है !
मैरी तुमने वो काम किया
आशीष देती यह धरनी है!
गीत जो आज रूठे थे ,
फिजा में भी रह गए ठूंठे थे !
तुमने सबको अच्छे से कूटे थे
गीतिका को सीखा दो
कैसे मारे मुक्के थे ,
कांडा फिर कोई गीत गा न पाए !
चाँद दाग अपना छुपा न पाए !

मैरीकाम तुम अपने
बोक्सिंग गलब्स
गीतिका और फिजा को
आज भेंट कर दो !

Sunday, August 5, 2012

मांसाहार बहुत ही बड़ा अधर्म है।

 भारत के लगभग 30% लोग अब मांसाहार करने लगे है। मांसाहार के कुछ नुकसान आपके सामने है:

१. मांसाहार करने के लिए निर्दोष जीवो की हत्या करनी पड़ती है।
२. एक बहुत बड़ी खोज के अनुसार शाकाहारी लोग मांसाहारियों से ज्यादा जीवित रहते हैं।
३. उसी खोज के अनुसार मांसाहार करने वाले लोग अधिक बीमार पड़ते हैं।
४. मांसाहार पोषण में शाकाहार से आगे नहीं है, दुनिया के सबसे बड़े खिलाडी अपनी सेहत बनाए रखने के लिए शाकाहार का रास्ता अपना रहे हैं।
४. मांसाहार के कारण पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है।
५. मांसाहार के लिए बहुत सारी जमीन और पैसा खर्च होता है। मांसाहार दुनिया मैं भुखमरी का सबसे बड़ा कारण है।
६. मांसाहार खाने से व्यक्ति क्रूर हो जाता है। मारे जाने वाले जानवर के तड़पते हुए मांस को खाएँगे तो ऐसा ही होगा।

जाकिर नाइक जैसे कुछ लोग मांसाहार को सही साबित करने के लिए कहते है की पौधों में भी जीवन होता है। इस कुतर्क को देने से पहले जाकिर नाइक ये नहीं सोचते की पौधों में उनका दिमाग नहीं होता परन्तु किसी जीव को आप जब मारते है तो उसे, दुःख, दर्द, पीड़ा होती है और उसको मारकर खाना बहुत ही बड़ा पाप है। जाकिर नाइक जैसे कुछ लोग हमारे पैने वाले दातों का हवाला भी देते है और कहते है की भगवान् ने इंसान को पैने दांत मांस खाने के लिए ही दिए है लेकिन अगर ईश्वर की दी हुई हर चीज का प्रयोग करना जरूरी है तो नाखून क्यों काटे जाते है ??

एक सबसे बड़ा कुतर्क ये है की अगर जानवरों को नहीं मरेंगे तो उनकी संख्या बहुत बढ़ जाएगी......अरे भाई कुछ जानवर ऐसे हैं जिनको कोई नहीं खाता लेकिन फिर भी वो विलुप्ति की कगार पर है.....खाने वाले जानवरों को सिर्फ खाने के लिए फॉर्मों में पाला जाता है और कृत्रिम रूप से बड़ा किया जाता है। अगर मांसाहार बंद हो जाएगा तो ये मांस उद्योग भी बंद हो जाएगा।

भारत के सभी सबसे महान लोग जैसे श्री अब्दुल कलाम जी भी शाकाहारी ही हैं। इसीलिए मैं सबसे विनती करूंगा की मांसाहार को छोड़ दें। अगर आप एक दिन में नहीं छोड़ सकते हो मांसाहार को धीरे धीरे कम करते जाएं और शाकाहारी बन जाएं।

हम तो उस महान भारतीय सभ्यता से हैं जहां 'चींटी को मारना' भी पाप है।
॥ जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन ॥