Monday, July 29, 2013

भगवान् को नारियल क्यों अर्पित करते हैं।

भगवान को नारियल क्यों अर्पित किया जाता है?
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आप देखेंगे की मन्दिर में आम तौर पर नारियल अर्पित
किया जाता है. शादी, त्यौहार, गृहप्रवेश, नई गाड़ी के उपलक्ष में
या किसी प्रकार के अन्य उत्सव या शुभ कार्य में भी प्रभु
को नारियल अर्पित किया जाता है.
प्रभु को नारियल अर्पित के पीछे जो मुख्य कारण है, आइये
उनका अवलोकन करे.
नारियल अर्पित करने से पहले उसके सिर के अलावा सारे तंतु
या रेशे उतार लिए जाते है. ऐसे में अब ये नारियल मानव
खोपडी के सामान दीखता है, और इसे फोड़ना इस बात का प्रतीक
है कि हम अपने अंहकार को तोड़ रहे है.
नारियल के अन्दर का पानी हमारी भीतर की वासनाये है,
जो हमारे अंहकार के फूटने पर बह जाती है.
नारियल निस्वार्थता का भी प्रतीक है. नारियल के पेड़ का तना,
पत्ती, फल (नारियल या श्रीफल) मानव को घर का छज्जा,
चटाई, तेल, साबुन आदि बनाने में काम में आता है.
नारियल का पेड़ समुद्र का खारा पानी लेकर मीठा, स्वादिष्ट और
पौष्टिक नारियल और नारियल का पानी देता है.

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