Saturday, March 29, 2014

हिन्दुओ पर मुस्लिम अत्याचार और धर्म निरपेक्ष मीडिया।

पार्ट 3: सितम्बर 14, 1989
BJP के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य और जाने माने वकील,
कश्मीरी पंडित, तिलक लाल तप्लू की JKLF ने हत्या कर दी ।
तत्पश्चात जस्टिस नील कान्त गंजू को गोली मार दी गयी।
इसी प्रकार सारे मुख्य कश्मीरी नेताओं की एक एक कर
हत्या कर दी गयी। उसके बाद 300 से अधिक हिन्दू महिलाओ
और पुरुषो की नृशंश हत्या की गयी। एक कश्मीरी पंडित नर्स
जो श्रीनगर के सौर मेडिकल कोलेज अस्पताल में काम
करती थी, का एक भीड़ ने सामूहिक बलात्कार किया और उसके
बाद मार मार कर उसकी हत्या कर दी। यह घिनौना ख़ूनी खेल
चलता रहा और अपने सेकुलर राज्य और केंद्र सरकार,
मीडिया ने कुछ नहीं किया। कुछ भी नहीं।
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पार्ट 4: जनुअरी 4, 1990
आफताब, एक स्थानीय उर्दू अखबार, ने हिज्ब - उल -
मुजाहिदीन की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की -
"सभी हिन्दू अपना सामान बांधें और कश्मीर छोड़ कर चले
जायें" । एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र, अल सफा, ने इस
निष्कासन के आदेश को दोहराया। तत्पश्चात मस्जिदों में भारत
एवं हिन्दू विरोधी भाषण दिए जाने लगे।
सभी कश्मीरियों को कहा गया की इस्लामिक ड्रेस कोड अपनाएं।
सिनेमा और विडियो-पार्लर आदि बंद कर दिए गए।
लोगों को कहा गया की वो अपनी घड़ी पाकिस्तान के समय के
अनुसार करे लें। उस समय कश्मीर की फारूक
अब्दुल्ला की सरकार आँखें फेरे चुप बैठी रही ।
अधिक जानकारी के लिए यह लिंक और ब्लॉग आप देख सकते
है:
http://kasmiripandits.blogspot.co.uk/
http://www.rediff.com/news/2005/jan/
19kanch.htm - [19/01/90: When Kashmiri Pandits
fled Islamic terror]
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पार्ट 5: जनुअरी 19, 1990
सारे कश्मीरी पंडितो के घर के दरवाजो पर नोट
लगा दिया जिसमे लिखा था "या तो मुस्लिम बन जाओ
या कश्मीर छोड़ के भाग जाओ या फिर मरने के लिए तैयार
हो जाओ"। पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधान मंत्री बेनज़ीर
भुट्टो ने PTV पर कश्मीरी मुस्लिमों को भारत से आज़ादी के
लिए भड़काना शुरू कर दिया। कश्मीर के सारे मस्जिदों में एक
टेप चलाया गया जिसमे मुस्लिमो को कहा गया की वो हिन्दुओ
को कश्मीर से निकाल बाहर करें या मार डालें । उसके बाद सारे
कश्मीरी मुस्लिम सडको पर उतर आये - ये केवल
आतंकवादी नहीं थे, ये कश्मीर का आम मुस्लिम थे ।
ये वो मुस्लिम थे जिनका कुछ दिन पहले तक हिन्दुओं के साथ
उठाना-बैठना था, मित्रता थी , भाईचारा था । और मारे जाने
वाले ये वो हिन्दू थे जो मुसलमान को अपना भाई समझते थे,
विश्वास करते थे , अपनी पढ़ी-लिखी आधुनिक एवं
धर्मनिरपेक्ष सोच पे गर्व करते थे।
यह मुसलमान कश्मीर पंडितों के घरों में भीड़ बन के घुसे, घर के
पुरुषों को बिठा कर वहीँ उनके सामने उनकी माँ-बेटियों-बहन
ों की एक-एक कर उनके सामने इज्ज़त लूटी , बलात्कार कर
उनके सामने उनके घरवालों की हत्या कर दी, घर
को लोगों सहित जला दिया। कई महिलाओं को लोहे के गरम
सलाखों से मार दिया गया और उनके नग्न शरीर को पेड़ों से
लटका दिया । मासूम बच्चों को स्टील के तार से गला घोटकर
या दीवार पर सर पटक कर मारा। अपनी ऐसी अमानवीय
दुर्गति से बचने के लिए कई कश्मीरी बहनों ने ऊंचे
मकानों की छतों से कूद कर जान दे दी । वे सारे मुस्लिम,
कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या करते रहे और उस पर नारा लगाते
चले गए की उनपर अत्याचार हुआ है और उनको भारत से
आजादी चाहिए!!!
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पार्ट 6: कश्मीरी पंडितो का पलायन
जब इतने खुले नरसंहार के पश्चात भी राज्य अथवा केंद्र से
कोई सहायता नहीं आई तो कश्मीरी पंडितों के पास पलायन के
सिवा कोई रास्ता नहीं बचा । 350 ,000 कश्मीरी पंडित
अपनी जान बचा कर कश्मीर से भाग गए। कश्मीरी पंडित
जो कश्मीर के मूल निवासी है उन्हें कश्मीर छोड़ना पड़ा और तब
भी कश्मीरी मुस्लिम कहते है की उन्हें आजादी चाहिए!!!
यह सब कुछ चलता रहा लेकिन धर्मनिरपेक्ष मीडिया चुप रही-
उन्होंने देश के लोगो तक यह बात कभी नहीं पहुंचाई, इसलिए देश
के लोगों को आज तक पता नहीं चल पाया की क्या हुआ
था कश्मीर में। देश-विदेश के लेखक, तथाकथित बुद्धिजीवी चुप
रहे, भारत का संसद चुप रहा, देश के सारे हिन्दू, मुस्लिम,
सेकुलर चुप रहे। किसी ने भी 350,000 कश्मीरी पंडितो के बारे
में कुछ नहीं कहा।
आज भी अपने देश की मीडिया 2002 के दंगो के रिपोर्टिंग में
व्यस्त है। वो कहते है की गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगे हुए थे
लेकिन यह कभी नहीं बताते की 750 मुस्लिमो के साथ साथ
250 हिन्दू भी मरे थे। यह भी कभी नहीं बताते
की दंगो की शुरुआत मुस्लिमो ने की थी जब उन्होंने 59 हिन्दुओ
को ट्रेन में गोधरा में जिन्दा जला दिया था। कहते हैं की हिन्दुओं
पर अत्याचार की बात की रिपोर्टिंग से अशांति फैलेगी, लेकिन
मुस्लिमों पर हुए अत्याचार की रिपोर्टिंग से अशांति नहीं फैलती।
इसे कहते है सेकुलर (धर्मनिरपेक्ष) पत्रकारिता।
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पार्ट 7: कश्मीरी पंडितो के आज की स्थिति
आज 4.5 लाख कश्मीरी पंडित अपने ही देश में
ही शरणार्थी की तरह रह रहे है। पूरे देश-विदेश में कोई
भी नहीं है उनको देखने वाला। कोई भी मीडिया नहीं है जो उनके
बारे में हुए अत्याचार को बताये। कोई भी सरकार
या पार्टी या संस्था नहीं है जो की विस्थापित
कश्मीरियों को उनके पूर्वजों की भूमि में वापस ले जाने को तैयार
है। कोई भी नहीं इस इस दुनिया में जो कश्मीरी पंडितो के लिए
"न्याय" की मांग करे। कश्मीरी पंडित काफी-पढ़े लिखे लोगों के
तरह जाने जाते थे आज वो नितांत निर्धनों की तरह पिछले २२
सालो से टेंट में रह रहे है। उन्हें मुलभुत सुविधाए भी नहीं मिल
पा रही है, पिने के लिए पानी तक की समस्या है, दूषित नालों के
बीच निर्वाह करने को बाध्य हैं । भारतीय और विश्व मीडिया,
मानवाधिकार संस्थाए आदि गुजरात दंगो में मरे 750
मुस्लिमो की बात करते है (वो भी मारे गए 310 हिन्दुओ
को भूलकर) । लेकिन यहाँ हजारों मारे गए और ४.५ लाख
विस्थापित कश्मीरी पंडितो की बात करने वाला कोई नहीं है
क्योकि वो हिन्दू है। 20 ,000 कश्मीरी हिन्दू तो बस धुप
की गर्मी के कारण मर गए क्योकि वो कश्मीर के ठन्डे मौसम में
रहने के आदि थे।
अधिक जानकारी के लिए यह विडियो आप देख सकते
है: http://www.youtube.com/watch?v=kqSqn0id-IE
[Shocking, Tragic and Horrible story of Kashmiri
Pandits]
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पार्ट 8: कश्मीरी पंडितो और सेना के खिलाफ
मीडिया का षड़यंत्र
आज देश के लोगो को भारतीय मीडिया कश्मीरी पंडितो के
मानवाधिकार-हनन के बारे में नहीं बताती है लेकिन
आंतकवादियों के मानवाधिकार के बारे में अपनी आवाज जरूर
उठाती है । आज सभी को यह बताया जा रहा है की AFSPA
नाम का किसी कानून का भारतीय सेना काफी ज्यादा दुरूपयोग
किया है.. कश्मीर में अलगावादी संगठन मासूम
लोगो की हत्या करवाते है.और भारतीय सेना के जवान जब उन
आतंकियों और उनके सहयोगियों के विरुद्ध कोई करवाई करते
है.. तो यह देशद्रोही अलगावादी नेता अपने बिकी हुए
मीडिया की सहायता से चीखना-चिल्लाना शुरू कर देते हैं की "
देखो हमारे ऊपर कितना अत्याचार हो रहा है " !!!
मित्रो बात यहाँ तक नहीं रुकी है. अश्विन कुमार जैसे कुछ
फिल्म निदेशक "इंशाल्लाह कश्मीर" नामक भारत
विरोधी वृत्तचित्र बना रहे हैं जिससे यह पुरे विश्व
की लोगो को यह दिखा रहे है की कश्मीर के भोले-भाले मुस्लिम
युवाओं पर भारतीय सेना के जवानों ने अत्याचार किया है।
अश्विन कुमार अपने वृत्तचित्र को पूरे विश्व के पटल पर रख
रहे है । हर तरह से देश-विदेश में लोगों को दिखा रहे है
की अन्याय भारतीय सेना ने किया है। जो सच है उसे
वो बिलकुल छिपा दे रहे हैं।
इस विडियो में देखे की किस प्रकार भारतीय सेना के खिलाफ
षड़यंत्र किया जा रहा है: http://www.youtube.com/
watch?v=LofOulSw07k - [Anti Hindu and Anti
Indian Military - Indian Secular Media Exposed!]
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सारे मुस्लिम कहते है मोदी को फांसी दो जबकि मोदी ने गुजरात
की दंगो को समय रहते रोक दिया। आज तक एक भी मुस्लिम
को यह कहते नहीं सुना गया की कांग्रेस के नेताओं, गाँधी परिवार
और अब्दुल्लाह परिवार को फांसी दो।
जो लाखो कश्मीरी पंडितो के नरसंहार को देखते रहे ! मित्रो इस
घटना को अगर आप पढ़ चुके है तो अपने बाकि मित्रो एवं
परिवारजनों को बताएं,शेयर करें, सत्य से अवगत कराएं।
जो कश्मीर में हुआ था वाही आज मुस्लिम-बहुल केरला, पश्चिम
बंगाल, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश में हो रहा है। हिन्दुओं पर आज
देश के कई जगहों में अत्याचार हो रहा है। लेकिन सेकुलर
मीडिया इसे दबा देती है इसलिए आपको और हमें कुछ
पता नहीं चल पता है। हमारा या आपका कोई दोष भी नहीं है-
यदि हमें कुछ पता ही नहीं चलेगा तो हम करेंगे क्या? आज
जितनी भी प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया है अधिकाँश
को सउदी अरब से पैसा मिलता है। यह सेकुलर मीडिया हिन्दुओ
के विनाश के बाद ही रुकेगी क्योकि कोई भी हिन्दू संस्था,
पार्टी कभी मीडिया-प्रसार पर ध्यान ही नहीं देती। आज
की सेकुलर मीडिया आधी जिहादियो और आधी कोंग्रेसियों के
नियत्रण में है। हिन्दुओ के साथ हो रहे अत्याचार को बताने के
लिए एक भी टीवी या प्रिंट मीडिया नहीं है। - See more at:
http://oyepages.com/blog/view/id/
51f8b21fbc54b27673000000#sthash
.6TT7jhGQ.dpuf